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चौथा स्तम्भ : रोज़ा
इससे अभिप्राय यह है कि : रोज़े की नियत से, फज्र निकलने से लेकर सूरज डूबने तक, तमाम रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ों जैसे
01/05/2013 2943 -
तीसरा स्तम्भ : ज़कात
ज़कात इस्लाम का तीसरा स्तम्भ है, उसके महत्व के कारण अल्लाह तआला ने क़ुरआन करीम में बहुत से स्थानों पर उसका और
01/05/2013 3506 -
बिसिमल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाह के नाम से आरम्भ करता हूँ जो अति मेहरबान और दयालु है। सम्पूर्ण इस्लाम जिसके साथ अल्लाह तआला ने अपने
01/05/2013 3448 -
प्रथम स्तम्भ: 'ला इलाहा इल्लल्लाह और 'मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह की गवाही
'ला इलाहा इल्लल्लाह' (अल्लाह तआला के अतिरिक्त कोर्इ सच्चा पूज्य नहीं) और 'मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह'
01/05/2013 67229 -
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रोज़ा सूरज के डूबने तक है, न कि जैसा कि कुछ शीया का कहना है
मैं रोज़े और इफतार के विषय में प्रश्न करती हूँ, मैं ने शिया मत की अनुयायी अपनी पड़ोसिनों के साथ बात किया तो उन्हों
25/04/2013 2172 -
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को बुरा-भला कहने वाले का खंडन करना अनिवार्य है
हम में से कोई व्यक्ति इस बात से अनभिज्ञ नहीं है जो ईसाई लोग नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को बुरा-भला कहते हैं,
25/04/2013 2979 -
क्या एक यहूदी बच्चे ने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलौहि व सल्लम की सेवा कीॽ
क्या एक यहूदी ने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलौहि व सल्लम की सेवा की ॽ हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह
25/04/2013 2308 -
वह नयी नयी मुसलमान हुई है और अपने इस्लाम का प्रदर्शन करने पर सक्षम नहीं है तो वह अपने हिंदू परिवार के बीच कैसे नमाज़ पढ़े ॽ
अल्लाह का शुक्र है मैं हाल ही में मुसलमान हुई हूँ, मैं एक हिंदू समाज में पली बढ़ी हूँ और निरंतर उसी में रह रही हूँ।
18/04/2013 1550