ज़ख़्मी पर हमला न किया जाए
‘‘किसी ज़ख़्मी पर हमला न करो।’’ अभिप्राय है वह ज़ख़्मी जो लड़ने के क़ाबिल न रहा हो, न अमली तौर पर लड़ रहा हो।
‘‘किसी ज़ख़्मी पर हमला न करो।’’ अभिप्राय है वह ज़ख़्मी जो लड़ने के क़ाबिल न रहा हो, न अमली तौर पर लड़ रहा हो।
आप इस बात पर विश्वास रखें कि इस सुष्टि और इस में मौजूद चीज़ों का एक उत्पत्तिकर्ता और रचयिता है, जो एकमात्र अल्लाह
13/03/2013 3289आप इस बात पर विश्वास रखें कि अल्लाह के असंख्य फरिश्ते हैं जो मनुष्य से भिन्न प्रकृति के हैं, जिन्हें अल्लाह
13/03/2013 4391आप यह विश्वास रखें कि अल्लाह ने आदम को मिट्टी से पैदा किया है और वह सर्व प्रथम मानव हैं। अल्लाह ने उन्हें सन्तान
13/03/2013 4939